नमस्कार दोस्तों,
आप सब का इस पोस्ट में हार्दिक स्वागत है।
आज के इस पोस्ट में हम आपको हमारे दैनिक जीवन में शिष्टाचार का महत्व बताने वाले हैं।
हमारे दैनिक जीवन में शिष्टाचार का बहुत महत्व होता है।
शिष्टाचार के जरिए ही हम किसी भी व्यक्ति के सम्मुख या किसी स्थान ,जगह विशेष पर अपना प्रभाव जमा सकते हैं,अपने व्यक्तितव की अमिट छाप छोड़ सकते हैं।
यूं कहें तो शिष्टाचार के द्वारा हम किसी का दिल जीत सकते हैं।
सभ्य और शिष्ट व्यक्ति सभी के प्रिय होते हैं। ऐसे व्यक्ति के आचार, विचार एवं व्यवहार में जादुई आकर्षण होता है, वहीं कार्यों में करिश्मा।
उसके व्यवहार एवं प्रत्येक कार्य में गजब का संतुलन होता है, जो हरेक के दिल पर अमिट छाप छोड़ जाता है।
शिष्ट व्यवहार और सभ्य आचरण भी एक कला है। इससे छवि में आकर्षण तो उभरता ही है, अनेक अवसरों पर इसका असाधारण लाभ भी मिलता है।
अतः शिष्टता और सभ्य आचरण के बलबूते हम दुर्गम रास्तों पर चलकर भी सफलता के दुर्ग पर विजय पताका फहरा सकते हैं। शिष्टाचार से ही हम जीवन रूपी समुद्र की गहराई से उपलब्धियों के हीरे-मोती बटोरकर ला सकते हैं।
अतः हम अपने अंदर इस तरह की अच्छी आदतों का विकास करें कि वे हमारी पूंजी बन जाएं और आदतों के फलस्वरूप, जो अच्छे कार्य और व्यवहार हों, वे सूद बनकर हमारा जीवन चलाते रहें।
संपादक
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धन्यवाद्।
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आज के इस पोस्ट में हम आपको हमारे दैनिक जीवन में शिष्टाचार का महत्व बताने वाले हैं।
शिष्टाचार का महत्व |
हमारे दैनिक जीवन में शिष्टाचार का बहुत महत्व होता है।
शिष्टाचार के जरिए ही हम किसी भी व्यक्ति के सम्मुख या किसी स्थान ,जगह विशेष पर अपना प्रभाव जमा सकते हैं,अपने व्यक्तितव की अमिट छाप छोड़ सकते हैं।
यूं कहें तो शिष्टाचार के द्वारा हम किसी का दिल जीत सकते हैं।
निष्कर्षत: शिष्टाचार ही मनुष्य को सामाजिक जीवन और व्यवहार से परिपूर्ण बनाता है।
सभ्य और शिष्ट व्यक्ति सभी के प्रिय होते हैं। ऐसे व्यक्ति के आचार, विचार एवं व्यवहार में जादुई आकर्षण होता है, वहीं कार्यों में करिश्मा।
उसके व्यवहार एवं प्रत्येक कार्य में गजब का संतुलन होता है, जो हरेक के दिल पर अमिट छाप छोड़ जाता है।
शिष्ट व्यवहार और सभ्य आचरण भी एक कला है। इससे छवि में आकर्षण तो उभरता ही है, अनेक अवसरों पर इसका असाधारण लाभ भी मिलता है।
अतः शिष्टता और सभ्य आचरण के बलबूते हम दुर्गम रास्तों पर चलकर भी सफलता के दुर्ग पर विजय पताका फहरा सकते हैं। शिष्टाचार से ही हम जीवन रूपी समुद्र की गहराई से उपलब्धियों के हीरे-मोती बटोरकर ला सकते हैं।
अतः हम अपने अंदर इस तरह की अच्छी आदतों का विकास करें कि वे हमारी पूंजी बन जाएं और आदतों के फलस्वरूप, जो अच्छे कार्य और व्यवहार हों, वे सूद बनकर हमारा जीवन चलाते रहें।
शिष्टाचार' एक अतिमहत्वपूर्ण एवं जानकारीप्रद ज्ञान है, जो आपको सभ्य और शिष्ट आचरण का सही मार्गदर्शन देगी।
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